बेवफ़ा
✍️मोहब्बत का इजहार करने में देरी क्या की मैंने
कई दिनों में वे सपने सजाए थे हमने
एक ही पल में बिखेर दिया उसने
साथ रहने के कल कितने कसमें खाए थे हमने
हमसे दूर जाने का थोड़ा भी गम नहीं है उसमे
तुझे चाहने का ही जुर्म किया था हमने
एक ही पल में मार दिया उसने
झूठी मोहब्बत का नाटक क्यों करती थी
इश्क लगाने से पहले इनकार कर देती
जाने से पहले ये शब्द सुन ले अलविदा
ध्यान रहे ये जमाना इसके लिए तुमको बेवफा कहेगी सदा
"आज उनको बेवफा कह के आया हूं
ख्वाइश के दुनिया में आग लगाकर आया हूं
आज वे सारे चिट्ठे पानी में फेकाकर आया हूं
कोई उसको निकाल ना पाए
पानी में आग लगाकर आया हूं"
-अमरजीत
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