शख्स
शख़्स |
✍️उसकी नवाज़िश में भी कोई साजिश लगती है
ये बदलाव में उसकी कोई निजी खाहिश लगती है
वरना जब माज़ी में आई थी खिजां
तब उसको कोई मदद के लिए नहीं सुझा
कर खिदमत अपने कामों कि सिफ़ारिश करता है
बारूद तिलियो पर थी बदनाम माचिस को करता है
वह शख्स अपने गलतियों पर झूठ के पर्दा लगाता है
हर काम में उठाता था अंगूठा अब उसको लाइक बतलाता है
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