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कैसे करू पहचान

कैसे करू पहचान

amarjeetpoetry

✍️कपड़ों से होती है पहचान

सूट बुट वाला पाता सम्मान

फटे कपड़े वाला नहीं बचा पाता अभिमान

अब तो गरीब गरीब को नहीं कर पाता पहचान

नकाब के दुनिया में किरदार से रह जाते अनजान

कोई चेहरे छुपा लेता बन बेवकूफ और अनजान

तो कोई अपनापन दिखा पीछे से खंजरों से कर जाता वार

अमरजीत पूछता कैसे की जाए पहचान

अपना बना व्यक्ति सज्जन है या शैतान

                                      -अमरजीत


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