हम उनको कहा चुनते है
✍️ एक वोट के लिए वे कितने चेहरे पर नकाब पहनेंगे
काम निकल जाने के बाद "कौन है आप" जैसे सवाल करेगें
फिर जन ऐसे लोगो को मतदान क्यों देती
जिसकी सरकार सिर्फ अपनी उल्लू सीधा करती
जो चुनावो में हाथ जोड़े आपके दरवाजे पर खड़े रहते हैं
कल वे केवल अपने घर भरते हैं
आए जवाब को लिखता हूं
कुछ बाते हो सकती है कड़वी फिर भी पेश करता हूं
पक्ष और विपक्ष दोनों एक ही सिक्के के पहलू है
नहीं कोई तोते मैंने ये दोनों उसी अंधेरी रातों के उल्लू है
जो मेरी पीड़ा को समझते हैं
वे शासक कहा बनते हैं
कर्ण को जब कुंती ने अपना पुत्र बताया
तभी तो समाज में उनके प्रति और सम्मान जगा
नहीं तो एकलव्य को लोग कहा उतना जानते है
बोलो मेरी बात को मानते हो
तुम भी तो ये जानते हो
क्या आजादी के बाद बने नेताओ से काबिल लोग नहीं मौजूद थे
जरा पन्ना पलट के देख लो ज्ञान,बलिदान और योगदान में कितने आगे मौजूद थे
भाई हम कहा चुनते है उनको वे लालच देकर नेता बन जाते है
मै भूख के मरा लचार उनके बातो में फस जाते है
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