सुनी पड़ गई ये लहरें
पलायन करते चिड़िया |
✍️जब मेरी लहरों के साथ
तेरी स्वर गुजती थी
भर चारो तरफ खुशहाली
सबको मंत्रमुग्ध कर देती थी
अब सुनी पड़ गई है
ये लहलाती लहरें
वीरान जगहों में भी
तुझे बुलाती है ये लहरें
आकार इस धारा में
फिर से शैर करना तू
उड़ते-उड़ते थक गया होगा गगन में
आकार मेरी जल से प्यास बुझा के तू
अब तुम कहा चले गए
कमी खलती है तुम्हारी
तुम्हारी खोज में निकला मै
अब समुद्र तक आ पहुंची धारा हमारी
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