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Poem on maa in hindi

मां पर कविता
मां तो मां होती है
मां


✍️जब गुज़ उठ किलकारी घर के आंगन में
सब हसे लेकिन मै रो रहा था 

क्योंकि उस समय मै मां से लिपटकर

हुई दर्द महसूस कर रहा था
मुझे देख उसने अपनी पास सुलाकर
अपनी मुख पर एक मुस्कान लाई
उसके चेहरे के देख मेरे अंदर से भी 
मुस्कराहट फुटकर के बाहर आई
अपनी कई दर्दो को वह हसकर यू ही छिपा लेती है
मेरी शरारतों पर वह मुझे खूब पिटाई लगती है
हमे रोता देख हमसे कई ज्यादा वह रो जाती है
आखिर मां तो मां होती है
आखिर मां तो मां ही होती है

"मां की ममता पाने के लिए 
उस अजन्मा अभिनाशी ने ले लिया जन्म
इसलिए तो सारी दुनिया मां के आगे
सर झुका करती है नमन
सभी प्राणियों को अपनी एहसास दिलाने के लिए
उसने मां को बनाया
भर उसमे ममता,प्यार और स्नेह
उसको  सर्वश्रेष्ठ बनाया"

                                                     -अमरजीत  



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