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रफ्ता रफ्ता ही कोई होशियारी नहीं, होशियार होना मुश्किल होता है जिम्मेदार बनना मा बाप के आंखो में देखे तो मुश्किल लगता उनके परेशानियों का हिस्सेदार बनना यूं तो आसान है नादान बनना मुश्किल है जिम्मेदार बनना परिस्थितियां भी चाहती होगी जग में एक बदलाव लाना हमारी इक्षाए बाज की तरह उड़ान भ…
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Poem on maa in hindi
मां तो मां होती है मां ✍️जब गुज़ उठ किलकारी घर के आंगन में सब हसे लेकिन मै रो रहा था
मेरी मजबूरी
क्या करू साहब Lockdownमें पुलिस की सख्ती और लोग की मजबूरी …
Poem on Online classes in hindi
What felling about Online classes Poem ______________________________________________ क्य…
बिखरते पन्ने
बिखरते पन्ने ✍️ये छिटक के बिखरते पन्ने क्या अकेले पूरी कर पाएंगे सपने कितने रेहाल बनेंग…
मा-बाप वृद्धाश्रम
"बेटा के ये कैसा फ़र्ज़ ..." बेघर हुए मा-बाप ✍️जिनके आचल में जीवन पथ पर चलना सी…
कविता की सूची
- ❇️लाचार किसान
- ❇️दरिंदे
- ❇️मेहनतकश किसान
- ❇️जो छोड़ चला अपनी बुनियाद
- ❇️अपनी पहचान हिंदी में अस्वीकार है
- ❇️कुछ कर लो यार
- ❇️बेवफ़ा
- ❇️पहुंच से दूर वे शिक्षा उनके लिए
- ❇️ बादल भी अश्रु बहाए
- ❇️ बिहार में प्रलय
- ❇️ मां-बाप वृद्धाश्रम
- ❇️ विभिन्नता
- ❇️ सियासत की भूख
- ❇️उठ मां
- ❇️कहाँ हो मोहन
- ❇️कैसी है महामारी
- ❇️जिंदगी के हर जंग जीत जाएंगे
- ❇️दशरथ माझी
- ❇️बिखरते पन्ने
- ❇️माँ
- ❇️मुफलिसी
- ❇️मेरी मजबूरी
- ❇️मैं मजदूर पैसे के सामने मजबूर
- ❇️ये जंजीर
- ❇️शख्स
- ❇️सुनी पड़ गई नदिया
- ❇️हम उनको कहा चुनते है
- ❇️हैवानियत