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अक्तूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चुनाव प्रचार

बिहार चुनाव प्रचार ✍️वे नेता है विभिन्न नकाब में आयेगे वे नेता है विभिन्न पोशाक में आयेगे वे नेता है विभिन्न किरदार में आयेगे वे नेता है विभिन्न कार में भी आयेगे (क्यों आयेगे भाई) चुनाव आया है सत्ते का प्रलोभन खींच लाया है नेता बनने से पहले अपने वादे बताना है और दूसरे हमसाथी पे किच उछालना…

मेरी जिंदगी

मेरी जिंदगी एक गुलाब के फूल ✍️मेरी जिंदगी बन गई है एक गुलाब के फूल चुभा है मेरा कांटा उस माली को जो तोड़ने आए थे फूल इस मौसम में मेरी कली नहीं बन पाई फूल मेरी जिंदगी बन गई है एक गुलाब के फूल अब कैसे बनू किसी मंच के सजावट के हार कैसे बनू किसी गुलदस्ते के जगहों के हिस्सेदार कैसे बनू दो…

तुम्हारी मंजिल

तुम्हारी मंजिल गंतव्य ✍️तेरी जिंदगी में कई अंधेरी राते भी आयेगे तेरे जिंदगी में कई राहें सुनसान भी होगे तू इस अंधेरे और अकेलापन से कभी मत घबराना  हर अंधेरी रात के बाद एक नई सवेरा होगा बुलंद शिखरों पर तुम्हारा एक दिन बसेरा होगा दृढ़ संकल्प के साथ, आगे बढ़ता जाना अपने मंजिल की तरफ बढ…

कैसे करू पहचान

कैसे करू पहचान ✍️कपड़ों से होती है पहचान सूट बुट वाला पाता सम्मान फटे कपड़े वाला नहीं बचा पाता अभिमान अब तो गरीब गरीब को नहीं कर पाता पहचान नकाब के दुनिया में किरदार से रह जाते अनजान कोई चेहरे छुपा लेता बन बेवकूफ और अनजान तो कोई अपनापन दिखा पीछे से खंजरों से कर जाता वार अमरजीत पूछता कैसे …

किसान पर कविता

लाचार किसान ✍️आजकल परिंदे अपनी जान कहा बचा पाते वे उन परिंदे को अपनी नई पंख लगा के उड़ा देते इमारती दुनिया में कच्ची मकान में रहने वाले मजबूरन परिंदे अपनी ही आशियाना खुद तोड़ देते वे निर्वाचन से पहले पूछते उनके अरमानों को दे सब्सिडी की लालच टैक्सो से ही गर्दन दबोच देते मौसमों के मार, ब…

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